जिन छात्रों का विषय हिंदी है, उन्हें समास के बारे में थोड़ी नहीं बल्कि पूरी जानकारी होनी चाहिए, क्योंकि परीक्षा में छात्रों से समास के बारे में पूछा जाता है। ऐसे में समास के बारे में जानकारी न रखने से आपके कुछ अंक कम हो सकते हैं और यदि आप समास से जुड़े प्रश्नों का सही उत्तर देते हैं तो आप अधिक अंक प्राप्त कर सकते हैं।
यदि आपको समास को पहचानने में समस्या हो रही है, इसका अर्थ है कि आप यह नहीं समझ पा रहे हैं कि आपके समाने कौन सा समास है या आपसे समास के भेद याद नही हो पा रहा हैं, तो मैं फिर कहूँगा कि आपको चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। मैंने समास को पहचानने और याद रखने की ऐसी ट्रिक बताई है जिससे आप समास को बहुत जल्द याद कर पाएंगे और समास की सही पहचान भी कर पाएंगे तो आइए जानते हैं।
समास किसे कहते है?
समास उसे कहते हैं जब दो या दो से अधिक शब्दों के बीच की व्यंजक को हटाकर आपस में मिलया जाता हैं। इसे और भी सरलता से समझते हैं। जब दो या उससे अधिक शब्द के बीच वाले शब्द को छोड़कर पहले व आखिर शब्द को मिलया जाता हैं उसे समास कहते हैं और इन दोनों शब्दों को मिलाने से एक मिलता जुलता शब्द निर्माण होता हैं।
समास शब्द ”सम्” (पूर्ण रूप से) एवं ”आस” (शब्द) से जुड़कर बना हुआ हैं। समास की चर्चा हिंदी व्याकरण की पुस्तकों “पद-संधि” विषय में प्रया: किया जाता हैं। दो या दो से अधिक मौजूदा शब्दों को जोड़कर नए शब्द बनाने के रूप में ही समास की पहचान की जाती है और समास के भीतर ही इसके नियमों से बने शब्द को सामासिक पद या समस्थ पद भी कहा जाता है।
नीचे समास के अंतर के बारे में बताने से पहले आपलोगों को समस विग्रह के बारे में बताना बहुत जरूरी है क्योंकि समास जब बनाएंगे तो समस विग्रह को पहचान कर ही बनाएंगे इसलिए विग्रह के बारे में जानना बहुत जरूरी है। विग्रह उसे कहते हैं, जब वह समास के नियमों द्वारा बनाए गए सभी पदों को अलग-अलग कर देता है। इसका कुछ उदाहरण लें तो यह कुछ इस प्रकार होगा-
समस्तपद जब दो या दो अधिक शब्दों को मिलकर शब्द बनाता हैं उसे समस्तपद कहा जाता हैं और इसका उदाहरण कुछ इस प्रकार हैं- दाल-चावल इसे विग्रह करने पर दाल और चावल हो जाएगा। समस्तपद – यशप्राप्त, विग्रह – यश को प्राप्त
समास की विशेषताएं
समास की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं, लेकिन हम आप लोगों के लिए कुछ उदाहरण देते हैं। दो शब्दों के बीच का विभाजन गायब हो जाता हैं, जब दो पद के बीच का संयोजन स्थान से हटा दिया जाता हैं तो समास का संबोध कम स्पष्ट हो जाता हैं परंतु इससे समास की सार्थक अर्थ नही बदलती हैं। जैसे “राम और सीता” राम-सीता में संयोजित हो जाता हैं।
समास के भेद या प्रकार
समास 6 प्रकार के होते हैं-
- कर्मधारय समास
- अव्ययीभाव समास
- बहुव्रीहि समास
- द्विगु समास
- तत्पुरुष समास
- द्वंद समास
1. कर्मधारय समास
कर्मधारय समास उस समास को कहा जाता है जिसका पहला पद विशेषण तथा दूसरा विशष्य अथवा पूर्वपद एवं उत्तरपद में उपमान उपमेय का संबंध होता है।
कर्मधारय समास के उदाहरण
- चंद्रमुख – चंद्र जैसा मुख
- नीलकमल – नीला कमल
- दहीबड़ा – दही में डूबा बड़ा
- पीतांबर – पीला अंबर
- कनक की सी लता – कनक लता
- नीला है जो कंठ – नील कंठ
- दुरात्मा – बुरी है जो आत्मा
- नरसिंह – नरों में सिंह के समान
- लौहा के समान है जो पुरुष – लौह पुरुष
2. अव्ययीभाव समास
अव्ययीभाव समास उसे कहते हैं जो प्रथम पद या पूर्व पद प्रधान होता हैं और समस्त पद क्रिया विशेषण अव्यय होता हैं। इसके अतिरिक्त अगर किसी सामासिक पद में सबसे पहले पद उपसर्ग लगा हो या अव्यय रहता हैं तो उसे भी अव्ययीभाव के रूप में माना जाता हैं। सामासिक पद में संज्ञा तथा अव्यय पद की पुनर्रचना हो तो वो भी अव्ययीभाव ही होगा। आइए इसे भी कुछ उदाहरणों से समझने की कोशिश करते हैं-
अव्ययीभाव समास के उदाहरण
- यथासंख्य – संख्या के अनुसार
- रातोंरात – रात ही रात
- आजन्म – जन्म (रहने) तक
- भरपेट- पेट भरकर
- आजीवन – जीवन-भर
- निरोग – रोग से रहित
- प्रतिदिन – प्रत्येक दिन
- हररोज़ – रोज़-रोज़
- ज्ञानार्थ – ज्ञान के लिए
- लापता – पते के बिना
- आमरण – मरण तक
- आजन्म – जन्म से लेकर
- अकारण – बिना कारण के
- घर-घर – घर ही घर
3. बहुव्रीहि समास
बहुव्रीहि समास के प्रयोग में प्रथम एवं द्वितीय पद अपना मूल अर्थ हटाकर किसी अन्य अर्थ जाह़िर करता हैं तो उसे बहुव्रीहि समास कहा जाता हैं ऐसे में दोनों पद अप्रधान के होते हैं।
बहुव्रीहि समास के उदाहरण
- सुलोचना – सुंदर है लोचन जिसके
- गजानन – गज से आनन वाला
- चतुर्भुज -चार हैं भुजाएं जिसकी
- दुरात्मा – बुरी आत्मा वाला
4. द्विगु समास
द्विगु समास में, पहले पद संख्यावाचक शब्द होता है और दूसरे पद संज्ञा शब्द होता है, समस्त पद समूह का बोध करवा दिया जाता है उसे द्विगु समास कहते हैं।
द्विगु समास के उदाहरण
- तीन रंगों का समूह – तिरंगा
- दो पहरो का समूह – दोपहर
- चार मासों का समूह – चौमासा
- चार मुखों का समूह – चतुर्मुख
- तीन कालो का समाहार – त्रिकाल
- नव रत्नों का समाहार – नवरत्न
- आठ अध्यायों का समाहार – अष्टाध्यायी
- नौ प्रकार के रत्न – नवरत्न
- सात दिनों का समूह – सप्ताह
- नौ रात्रियों का समूह – नवरात्र
- तीन भुजाओं का समाहार – त्रिभुज
- दो पहर का समाहार – दोपहर
- तीन वेणियों का समाहार – त्रिवेणी
- नौ निधियों का समाहार – नवनिधि
5. तत्पुरुष समास
तत्पुरूष समास में प्रथम पद प्रधान होती हैं, दोनो पदों के बीच की विभक्त लॉक होता हैं इसी को तत्पुरूष समास कहा जाता हैं।
तत्पुरुष समास के उदाहरण
- काल को जीतने वाला — कालजयी
- मांस को खाने वाला — मांसाहारी
- खुद को मारने वाला — आत्मघाती
- मूर्ति को बनाने वाला — मूर्तिकार
- शाक को खाने वाला — शाकाहारी
6. द्वंद्व समास
जिसमें प्रथम एवं द्वितीय दोनों ही पद प्रधान हों, उसे द्वंद्व समास माना जाता है।
द्वंद्व समास के उदाहरण
- शिव और पार्वती – शिव-पार्वती
- भला या बुरा – भला-बुरा
- धर्म या अधर्म – धर्माधर्म
- शीत या आतप – शीतातप
- शिव और पार्वती – शिव-पार्वती
- पाप और पुण्य – पाप-पुण्य
- शीत या उष्ण – शीतोष्ण
- गाड़ी और घोड़ा – गाड़ी-घोड़ा
- अन्न और जल – अन्न-जल
- राधा और कृष्ण – राधा-कृष्ण
- हर और फन और मौला – हर-फ़न-मौला
- कृष्ण और अर्जुन – कृष्णार्जुन
- नर और नारी – नर-नारी
समास कैसे याद करें
जैसा कि आपको बताया गया था कि समास याद करने की ऐसी ट्रिक बताया जाएगा जिससे आप बड़ी आसानी से याद कर सकें, तो आइए जानते हैं उस ट्रिक के बारे में। आपको द्वंद्वि अब तक इसे याद रखना हैं क्योकि इसी में समास में सभी भेद छूपे हुए हैं। नीचे दी गई इमेज को देखकर आप समास को याद कर सकते हैं-
Q&A For Samas Kise Kahate Hain
समास किसे कहते हैं और कितने भेद होते हैं?
जो शब्द दो या दो से अधिक शब्दों के बीच का शब्द निकालकर उन दोनों को मिलाकर जो शब्द निर्माण होता हैं उसे समास करते हैं औऱ इसे 6 भेद होते हैं।
समास कितने प्रकार के होते हैं?
समास के मुख्य प्रकार 6 होते हैं।
संधि और समास में अंतर क्या है?
समास में दो शब्दों का योग है, लेकिन संधि में केवल दो वर्णों का योग है।
अंत में
आज मैंने आपको समास समास किसे करते हैं? इसके बारे में बताया है और अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें और मैं समास से जुड़ी अन्य जानकारी नहीं दे पाया हूं उसके लिए खेद है लेकिन आप मुझे कमेंट करके बता सकते हैं कि समास से जुड़ी और क्या-क्या जानकारी देनी चाहिए थी, अगर आपके द्वारा दी गई जानकारी पाठकों के काम आएगी तो उसे हम इस लेख में जरूर शामिल करेंगे।