बल्ब का आविष्कार किसने किया व कब हुआ था? Bulb Inventor in Hindi

जब लोग बल्ब से अपरिचित थे तो वे रात में रोशनी के लिए मोमबत्ती, टॉर्च आदि उपकरणों का प्रयोग करते थे, जिससे अनेक दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता था, इसके अतिरिक्त इसके प्रयोग से रात में काम नहीं हो पाता था।

आधुनिक समय की बात करें तो बल्बों का उपयोग न केवल रात को रोशन करने के लिए किया जाता है, बल्कि क्रिकेट और फुटबॉल जैसे कई खेल भी रात को रोशन करके खेले जाते हैं, इसलिए लोगों के उपयोग के लिए बल्ब एक बहुत ही महत्वपूर्ण उपकरण है।

बल्ब क्या है?

बल्बों को इनकैंडोसेंट लैंप या तापदीप्त लैप भी कहा जाता हैं, जिन्हें बोलचाल की भाषा में बल्ब और शीशबत्ती कहा जाता है। तापदीप्त लैंप के माध्यम से इसमें प्रकाश उत्पन्न होता है। अगर आप तापदीप्त का अर्थ नहीं जानते हैं, तो आपको बता दें कि गर्मी से उत्पन्न होने वाले उत्सर्जन को तापदीप्त कहा जाता है।

इसके अंदर एक बहुत पतला फिलामेंट उपलब्ध होता है, जब यह इसमें से गुजरता है तो फिलामेंट गर्म होकर प्रकाश देने लगता है। बिजली के बल्ब में एक तार लगा होता है, जो टंगस्टन नाम के धातू से बना हुआ होता हैं उसे ही फिलामेंट कहते हैं।

बल्ब का आविष्कार किसने किया था?

बल्ब का आविष्कार थॉमस ऐल्वा एडीसन (Thomas Alva Edison) किया था, यही वो व्यक्ति हैं जिन्होंने लोगो को बल्ब से परिचित करवाया था, कार्बन फिलामेंट लाइट बल्ब का इन्होंने ही आविष्कार किया था, जिस में बिजली की तार लगाने से वो गरम होकर प्रकाश उत्पन करने लगते थे। थॉमस ऐल्वा एडीसन बल्ब आविष्कार के समय जाने माने वैज्ञानिक थे और उन्होंने इस आविष्कार में लगभग डेढ़ साल का समय लगाये थे।

आविष्कार के बाद जब बल्ब जलाया गया तो वह 13 घंटे तक जलता रहा। एडिसन को दुनिया के पहले लाइट बल्ब पेटेंट के आविष्कार का श्रेय दिया जाता है, उन्होंने न केवल बल्ब का आविष्कार किया बल्कि 1091 प्रकार के छोटे और बड़े उपकरणों का भी आविष्कार किया। इनमेंएल्कलाइन स्टोरेज बैटरी, ग्रामोफोन, कार्बन टेलीफोन ट्रांसमीटर और आदि उपकरण शामिल थे।

एडिसन ने बल्ब के आविष्कार के दौरान काफी रिसर्च किया, जिसमें डेढ़ साल लगे और कार्बन, प्लेटिनम जैसी कई धातुओं का इस्तेमाल किया, ताकि वह बल्ब में रोशनी पैदा करने में सफल हो सके। इस दौरान उन्होंने प्लेटिनम बल्ब का प्रयोग भी किया, लेकिन इसका प्रयोग उन्हें महंगा पड़ा, तब उन्होंने कार्बन फिलामेंट से बल्ब जलाकर इसे सफल बनाया।

बल्ब का आविष्कार कब हुआ था?

एडिसन के अलावा और भी कई वैज्ञानिक थे जो इस काम में लगे हुए थे, लेकिन एडिसन कार्बन फिलामेंट की मदद से बल्ब को जलाने में सफल रहे, इसीलिए उन्हें बल्ब का आविष्कारक माना जाता है। इस आविष्कार में करीब डेढ़ साल का वक्त लगा था, लेकिन साल 1878 में ही इस पर काम शुरू कर दिया गया था।

1878 से पहले भी वैज्ञानिक बिजली के बल्ब पर काम कर रहे थे, जिनमें से एक हम्फ्री डेवी ने 1802 में पहले बिजली के बल्ब का आविष्कार किया था, लेकिन उनका आविष्कार सफल नहीं हुआ, जिसके कारण इस आविष्कार का श्रेय एडिसन को जाता है।

बल्ब का आविष्कार कैसे हुआ?

महान वैज्ञानिक हम्प्रे डेवी को बल्ब बनाने का विचार आया, उन्होंने बताया कि यदि तार में बिजली प्रवाहित की जाए तो वह गर्म होकर प्रकाशित होता है, लोगों को सफलतापूर्वक बल्ब उपलब्ध कराने से पहले कुछ ऐसे यंत्र उन्हीं के द्वारा बनाए गए थे। जिससे प्रकाश उत्पन्न होता था लेकिन ये सभी कुछ समय के लिए ही जाल पाते थे।

बल्ब का इतिहास

1802 में हम्फ्री डेवी नामक एक महान वैज्ञानिक ने सबसे पहले बल्ब का आविष्कार किया था। हम्फ्री डेवी ने इसमें काफी रिसर्च किया, जिसमें बिजली के साथ प्रयोग करते हुए एक बैटरी भी बनाई गई, जो उनके अनुसार बल्ब को जलाने में सक्षम थी, लेकिन जब तार को बैटरी से जोड़ा गया और उसकी जगह कार्बन लगाया गया तो बल्ब के जगह पर कार्बन ही प्रकाश देने लगा।

एक सामान्य बल्ब बनाने के लिए न जाने कितने प्रयोग और उपकरण बनाए गए जो बाजार में आसानी से मिल पाए, तब जाकार आज के बल्ब जैसा बल्ब बना सका, हालांकि इसमें भी कुछ बदलाव किए गए हैं। 1802 के बाद, 1840 में, वॉरेन डे ला रीउ ने एक प्रयोग किया जिसमें कुंडलित प्लेटिनम फिलामेंट को एक वैक्यूम ट्यूब में रखा गया था और विद्युत प्रवाह को इस उम्मीद में पारित किया गया था कि प्लेटिनम का उच्च गलनांक इसे उच्च तापमान पर नियंत्रण में रख सकता है, लेकिन यह ऐसा नहीं हुआ। सबसे बड़ी समस्या उपयोग में प्लैटिनम की उच्च लागत थी। जोसेफ स्वान ने 1850 में कार्बोनाइज्ड पेपर फिलामेंट्स के ग्लास बल्ब से बिजली का बल्ब बनाया, लेकिन बिजली की कमी और अच्छे वैक्यूम के कारण यह भी सफल नहीं हो सका।

इसी तरह कुछ साल नए-नए प्रयोग करते रहे और 1870 तक अच्छे वैक्यूम पंप भी बाजार में आ चुके थे, जिसके बाद जोसेफ स्वान ने फिर से बल्ब पर प्रयोग करना शुरू किया। न्यूकैसल केमिकल सोसाइटी की बैठक में उन्होंने कार्बन रॉड की मदद से बने एक लैंप को प्रदर्शित किया, लेकिन अधिक बिजली के उपयोग के कारण यह कुछ ही मिनटों में टूट गया, कुछ समय बाद इसमें बदलाव करके फिर से प्रदर्शित किया गया। 14 अक्टूबर, 1878 को थॉमस अल्वा एडिसन को इलेक्ट्रिक लाइट्स में सुधार के नाम पर पेटेंट मिला।

बल्ब के प्रकार

बल्ब कई प्रकार के होते हैं, जिनमें तापदीप्त, एलईडी और सीएफएल इत्यादि जैसे बल्ब शामिल हैं-

  1. तापदीप्त (Incandescent): यह एक पुराने समय का बल्ब हैं, इसे एडिसन ने 1800 में बनाया था जो कि सस्ता हैं और समान्य तकनीक के उपयोग से भी बना हुआ हैं अगर आप इसे अपने घरों में जलाते हैं, तो यह आपके बिजली के बिल को बढ़ा देगा क्योंकि इसे जलाने के लिए बहुत अधिक बिजली की आवश्यकता होती है।
  2. फ्लोरोसेंट (Fluorescen): इसका उपयोग वाणिज्यिक और औद्योगिक भवनों में किया जाता है, हालांकि इसका उपयोग घरों में नहीं किया जाता है लेकिन दुकानों और सार्वजनिक स्थानों पर इसका उपयोग किया जा सकता है।
  3. एलईडी (LED): इसका उपयोग लंम्बे सयम तक होता हैं जो जि हमे यह बल्ब महंगे देखने को मिलती हैं। यह करीब 10,000 घंटे तक जल सकता हैं टीवी और स्पीकर के साथ कई चीजों में इस तकनीक का उपयोग होता हैं।
  4. सीएफएल (CFL): जितनी प्रकाश एक 60 वॉट का तापदीप्त बल्ब देता हैं उतना 15 वॉट की CFL बल्ब देता हैं यह एक ट्यूब की तरह की काम करते हैं।

Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya FAQs

बल्ब का आविष्कार किसने किया और कब किया?

1879 में थॉमस एल्वा एडीसन ने बल्ब का आविष्कार किया।

बल्ब का आविष्कार क्यों हुआ था?

प्रकाश देने के उद्देश्य से किया गया था।

बल्ब की खोज कैसे हुई?

इसके पीछे एडिसन की मेहनत और रिसर्च का नतीजा है।

बल्ब कितनी बार बनाया गया था?

इसमें कई वैज्ञानिक विफल रहे, लेकिन एडिसन ने अपनी कड़ी मेहनत और कई असफलताओं के बाद एक सफल बल्ब बनाया।

निष्कर्ष

आज मैंने आपको बल्ब के आविष्कार के बारे में पूरी जानकारी दी है, अगर मैं आपको इस लेख से संबंधित कोई अन्य जानकारी नहीं दे पाया जिससे आपका प्रश्न छूट गया हो तो उसके लिए मुझे खेद है परंतु आप अपने छूटे हुए प्रश्नों का जिक्र कमेंट बॉक्स में कर सकते हैं, मैं आपको बता दे कि आपके सवालों का उत्तर जल्द से जल्द दिया जाएगा। यदि आपको इस लेख से कुछ नया सीखने को मिला है तो इसे अपने परिवार के सदस्यों के साथ जरूर शेयर करें।

नमस्ते, मेरा नाम Sunil Paswan हैं और मैं एक Professional Blogger हूँ, मुझे अलग-अलग विषयों पर लेख लिखना पसंद है और इसे मैंने अपना जुनून बना लिया है! विश्वास है कि आप अपना प्यार बनाये रखेंगे।

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